दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी है। अब आप मेट्रो में सफर करने के साथ-साथ शॉपिंग भी कर पाएंगे। DMRC अब अपने ब्रांड के नाम वाले कपड़े, एक्सेसरीज़ और यादगार चीजें बाजार में लाने की तैयारी में है। दिल्ली मेट्रो में रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। DMRC इस लोकप्रियता का फायदा उठाना चाहता है। DMRC चाहता है कि लोग उसके ब्रांड के नाम वाली चीजें खरीदें। इसके लिए DMRC ने 'एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट' प्रपोजल मांगे हैं। DMRC अपने मर्चेंडाइजिंग राइट्स किसी और को देना चाहता है।

प्राइवेट कंपनी के साथ मिलकर काम
एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि इससे ना सिर्फ DMRC की कमाई बढ़ेगी, बल्कि लोगों में ब्रांड की पहचान और जुड़ाव भी बढ़ेगा। DMRC जिस भी कंपनी को यह काम देगा, उसके साथ मिलकर कमाई का हिस्सा और जरूरी नियम तय किए जाएंगे। DMRC का मकसद टिकटों से हटकर कमाई के नए जरिये तलाशना है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि DMRC DELHI-NCR में अपनी सेवाओं का विस्तार और आधुनिकीकरण कर रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि प्राइवेट कंपनियों के साथ इस साझेदारी से अच्छी खासी कमाई होने की उम्मीद है। इस कमाई का इस्तेमाल मेट्रो की सेवाओं और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में किया जाएगा।

DMRC की कमाई
फिलहाल, DMRC टिकटों के अलावा कई दूसरे तरीकों से भी कमाई करता है। इनमें स्टेशन के नाम का लाइसेंस देना, कोच और स्टेशनों में विज्ञापन देना, मेट्रो कोच के हैंडरेल और स्मार्ट कार्ड के पीछे विज्ञापन देना शामिल है। इसके अलावा DMRC मेट्रो स्टेशनों पर खाने-पीने की दुकानों और ATM को जगह किराए पर देकर भी कमाई करता है।

2 अरब से ज्यादा यात्रियों ने किया सफर
पिछले साल से दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है। 2023 में मेट्रो में 2 अरब से ज्यादा यात्रियों की यात्रा दर्ज की। यह अब तक की सबसे ज्यादा संख्या है। फिलहाल, दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 392.448 किलोमीटर लंबा है और इसमें कुल 288 स्टेशन हैं।

इन प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है
DMRC अभी तीन अहम कॉरिडोर - जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम, मजलिस पार्क से मौजपुर और एरोसिटी से तुगलकाबाद का निर्माण कर रहा है। इनकी कुल लंबाई 65 किलोमीटर है। मजलिस पार्क से मौजपुर तक 12.3 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर 2025 तक तैयार होने की उम्मीद है। वहीं, एरोसिटी से तुगलकाबाद का काम 2026 तक पूरा होने की संभावना है। हालांकि  DMRC की योजना 2026 तक इन कॉरिडोर के अलग-अलग हिस्सों को चरणबद्ध तरीके से चालू करने की है।


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