ज्यादा दवा लेने से सेहत पर असर, एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का खतरा समझें
आज के समय में शायद कोई ही ऐसा शख्स हो जो किसी न किसी चीज की दवा न खा रहा हो. हम जानते हैं कि दवाएं हमें स्वस्थ रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं लेकिन ज्यादा दवाएं खाने के भी अपने नुकसान हैं और बीते कुछ सालों में ओवर द काउंटर मिलने वाली एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल काफी बढ़ा है. लोग किसी भी इंफेक्शन, वायरल फीवर, खांसी जुकाम में बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं लेकिन ये आदत एक बड़ी समस्या बनकर उभर रही है.
डॉक्टरी सलाह के बिना एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन
डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक दवाएं लेने की आदत दुनिया में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ा रही है. एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस वो स्थिति है जब आपके शरीर में मौजूद बैक्टीरिया किसी एंटीबायोटिक के प्रति इम्यून हो जाते हैं तो ऐसे में उन बैक्टीरिया पर उस एंटीबायोटिक का कोई असर नहीं पड़ता. यही वजह है कि आज कई परिस्थितियों में मरीजों पर किसी दवाई का असर नहीं होता. ये स्थिति पहले से ही ज्यादा एंटीबायोटिक दवाएं लेने से उत्पन्न होती है. यही वजह है कि आने वाले समय में एक गंभीर समस्या बनकर उभरेगा जब लोगों का इलाज इंटीबायोटिक्स देने से भी नहीं हो पाएगा. ऐसे में आने वाले 25 सालों में इसकी वजह से 39 मिलियन लोगों की मौत की आशंका उत्पन्न हो रही है. ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स लोगों को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा या एंटीबायोटिक खाने से मना कर रहे हैं और वैज्ञानिक इस स्थिति से निपटने का इलाज ढूंढ रहे हैं ताकि अगर शरीर में किसी एंटीबायोटिक का असर कम हो जाए तो अन्य किसी दवा से मरीज का इलाज करके उसकी जान बचाई जा सके.
एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस और उसकी गंभीरता
जानकार बताते हैं कि एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस एक दिन में उत्पन्न होने वाली स्थिति नहीं है. ये शरीर में धीरे-धीरे वो दवा लेने से उत्पन्न होती है. जब किसी दवा की अधिकता हो जाती है तो बैक्टीरिया पर उस दवा का असर लगभग खत्म हो जाता है और बैक्टीरिया जीवित रहते हैं ऐसे में उनकी इम्यूनिटी इस दवा के खिलाफ विकसित हो जाती है जिससे वो बैक्टीरिया शरीर को और ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में कोई भी दवा किसी सीमित मात्रा से ज्यादा नहीं लेनी चाहिए.
एंटीबायोटिक का सही उपयोग
एंटीबायोटिक किसी भी इंफेक्शन में जल्दी असर कर आराम दिलाती हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इसे बिना डॉक्टरी सलाह के लिया जाए. ओवर द काउंटर एंटीबायोटिक्स लेने के अपने नुकसान हो सकते हैं इसलिए जब भी डॉक्टर किसी दवा को लिखें तभी उस दवा का सेवन करें अन्यथा न करें. साथ ही एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स समय पर पूरा करें उसे अधूरा छोड़ने से भी परेशानी पैदा होती है.