प्रयागराज। यूपी में वक्फ कानून के अनुसार वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। इस मामले में हाईकोर्ट ने एटार्नी जनरल और प्रदेश के महाधिवक्ता तथा वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी किया है। 15 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी। मामले में याची आशीष तिवारी ने जनहित याचिका लगाई है।
 याचिका लगाने वाले के अधिवक्ता का कहना है कि वक्फ को दिये गये मनमानी अधिकार विभेदकारी और संविधान के विपरीत हैं। ऐसे अधिकार ट्रस्ट, मठ, अखाड़ा, सोसायटी आदि को नहीं दिए गए हैं। वक्फ बोर्ड की शक्ति संविधान के अनुच्छेद 14,15,25,27व 300का उल्लंघन करती है। उसका यह भी कहना है कि वक्फ एक्ट हिंदू या गैर इस्लामिक समुदाय की संपत्ति पर लागू नहीं होता है। याचिका में वक्फ एक्ट की धारा 4,5,9(1)ए, 28,29,36 ,53,55, 89,99,101 तथा 107 को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है।
  याची का कहना है कि पिछले 10 वर्षो में किसी भी धार्मिक संपत्ति को वक्फ घोषित करने का चलन बढ़ गया है। 7 फरवरी 2022 को संसद में केंद्रीय मंत्री के बयान का हवाला दिया गया, जिसमें बताया गया कि 12 लाख एकड़ 785934 संपत्तियों को वक्फ घोषित कर दिया गया है। जो दिल्ली के रकबे का 4 गुना अधिक है। धारा 54 व 55 में बोर्ड को वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने का  विशेष अधिकार प्राप्त है और 2 माह का नोटिस देकर बोर्ड अतिक्रमण हटा सकता है, लेकिन इसकी कोई मियाद नहीं है।