अखिलेश यादव की 'वर्चुअल रैली' से मुसीबत, 2500 सपाइयों पर एफआईआर
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले लखनऊ में आयोजित समाजवादी पार्टी की वर्चुअल रैली में कोरोना नियमों के उल्लंघन और महामारी एक्ट के तहत एफआईआर हुई है। पुलिस ने सपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, क्योंकि पार्टी कार्यालय में सैकड़ों समर्थक एक ‘वर्चुअल रैली’ में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। रैली को सपा प्रमुख अखिलेश यादव और भाजपा के पूर्व नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने संबोधित किया था। पुलिस ने एक-दो या पांच नहीं, बल्कि पूरे 2500 समाजवादी कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया है।
लखनऊ के पुलिस आयुक्त ने बताया कि करीब 2500 समाजवादी पार्टी के नेताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और 341 के तहत महामारी रोग अधिनियम की संबंधित धाराओं के साथ प्राथमिकी दर्ज की गई है। लखनऊ के पुलिस प्रमुख ने कहा कि इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने से पहले वीडियो साक्ष्य हासिल किए गए थे। दरसअल स्वामी प्रसाद मौर्य और डॉ धर्म सिंह सैनी समेत कई भाजपा विधायकों ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव की उपस्थिति में पार्टी का दामन थामा था। यही नहीं, इस वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान अखिलेश समेत कई नेताओं ने भाषण भी दिया था। जबकि कार्यालय में जमकर भीड़ उमड़ी थी। लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने कहा था कि चुनाव आयोग के आदेशों का उल्लंघन करते हुए जहां भी लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो रहे हैं, वहां शहर की पुलिस तैनात की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमें सोशल मीडिया पर सपा कार्यालय के बाहर भीड़ जमा होने की सूचना मिली और भीड़ को हटाने के लिए पुलिस कर्मियों को भेजा। वहीं, लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि समाजवादी पार्टी की वर्चुअल रैली बिना पूर्व अनुमति के हुई। डीएम प्रकाश ने कहा कि सूचना मिलने पर पुलिस टीम और मजिस्ट्रेट को एसपी कार्यालय भेजा गया। उनकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, समाजवादी पार्टी के यूपी प्रमुख नरेश उत्तम पटेल ने एफआईआर दर्ज होने के बाद कहा कि हमारे पार्टी कार्यालय के अंदर एक वर्चुअल कार्यक्रम था। हमने किसी को फोन नहीं किया था, लेकिन लोग आ गए। इस दौरान सभी ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया। साथ ही कहा कि इस वक्त भाजपा के मंत्रियों के दरवाजे और बाजारों में भी भीड़ है, लेकिन उन्हें बस हमसे समस्या है। वहीं, यूपी के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने सपा पर एफआईआर दर्ज होने के बाद कहा कि बाउंड्री के अंदर 144 धारा लागू नहीं होती है। कोरोना गाइडलाइन की बात है तो जांच करा लें। अगर हम लोग दोषी हैं तो पुलिस कार्रवाई करे, लेकिन पहले जांच करा लें। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी से अब तक 14 विधायकों के इस्तीफे हो चुके हैं, जिनमें से तीन योगी कैबिनेट के मंत्री शामिल हैं। इनमें से स्वामी समेत कई नेताओं ने सपा का दामन थाम लिया है और कई अभी साइकिल की सवारी करने के इंतजार में हैं। यूपी में 7 चरणों में चुनाव होगा और इसकी शुरुआत 10 फरवरी को राज्य के पश्चिमी हिस्से के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान के साथ होगी। दूसरे चरण में 14 फरवरी को राज्य की 55 सीटों पर मतदान होगा। उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा। उत्तर प्रदेश में अन्य चरणों में मतदान 14, 20, 23, 27 फरवरी, 3 और 7 मार्च को होगा। वहीं यूपी चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे। 2017 के चुनाव में बीजेपी ने यहां की 403 में से 325 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सपा और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। सपा ने 47 और कांग्रेस ने 7 सीटें ही जीती थीं। मायावती की बसपा 19 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। वहीं 4 सीटों पर अन्य का कब्जा हुआ था।