गंगा नदी एक बेहद ही पवित्र नदी है. लोग देशभर में मौजूद गंगा नदी में डुबकी लगाने जाते हैं ताकि उनके सारे पाप और बुरे कर्म धुल जाएं. गंगा नदी में डुबकी लगाने की कई शुभ तिथियां हैं जैसे गंगा दशहरा, कार्तिक पूर्णिमा, मकर संक्रांति, गंगा सप्तमी आदि. लोग जब भी गंगा नदी जाते हैं तो गंगाजल (Gangajal) अपने साथ डिब्बे में भरकर जरूर लाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसके पानी को अमृत समाना माना गया है. इसका पूजा-पाठ में खूब इस्तेमाल होता है. सूर्य देवता को गंगाजल से अर्घ्य दिया जाता है. शिव जी को भी गंगाजल से जलाभिषेक किया जाता है. कुछ लोग गंगाजल ले तो आते हैं, लेकिन घर में इसे सही जगह पर नहीं रखते. इसे रखने के लिए भी प्लास्टिक के डब्बे का इस्तेमाल करते हैं. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. चलिए जानते हैं गंगाजल लाने के बाद घर में कहां और किस पात्र में रखना चाहिए.

गंगाजल का इस्तेमाल कब किया जाता है?
-पूजा-पाठ में गंगाजल का इस्तेमाल किया जाता है.
-मृत्यु से संबंधित संस्कार में भी गंगाजल उपयोग किया जाता है.
– शुभ कार्यों जैसे शिशु के जन्म, गृह प्रवेश, घर, मंदिर या अन्य स्थान को शुद्ध करने के लिए.

गंगाजल को किस बर्तन में रखना चाहिए?
स्पिरिचुअल लीडर डॉ. शिवम साधक जी महाराज ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट शिवमसाधक_जी पर गंगाजल से जुड़े कुछ उपायों पर एक महत्वपूर्ण पोस्ट साझा किया है, जिसमें वे गंगाजल को किस दिशा और किस पात्र में रखने की जानकारी दे रहे हैं. वे कहते हैं कि लोग अक्सर गांग नदी में स्नान करने के बाद प्लास्टिक के डिब्बे, बोतल में गंगाजल भरकर लाते हैं और घर आकर उसी में रहने देते हैं. आप बेशक, गंगा नदी से प्लास्टिक के डिब्बे, बोतल में भरकर गंगाजल घर लाएं, लेकिन घर पर आते ही पात्र बदल देना चाहिए. इसे हमेशा शुद्ध पात्र में रखें. इसके लिए आप मिट्टी, पीतल, तांबे, कांसे, चांदी के बर्दन में गंगाजल रखें. प्लास्टिक के केन में रखना अशुभ है. यदि आपने अब तक घर में गंगाजल प्लास्टिक के केन, बोतल में रखा हुआ है तो इसे फौरन ही किसी धातु के पात्र में रख दें. आपको बता दें कि गंगाजल न तो कभी खराब होता है और न ही अशुद्ध होता है. इसमें कीड़े भी नहीं पनपते हैं.

घर में गंगाजल को किस दिशा में रखना चाहिए?
लोग गंगाजल गंगा नदी से ले तो आते हैं, लेकिन उसे कहीं भी रख देते हैं. बेडरूम, किचन, लिविंग रूम के किसी भी अलमारी में घुसा कर रख देते हैं. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, गंगाजल को कभी भी इधर-उधर दूषित जगह पर ना रखें. इसे घर के ईशान कोण में रखें. यदि यहां रखना संभव नहीं है तो घर के मंदिर में गंगाजल रखें.