नई दिल्ली। दिल्ली की जनता ने भाजपा के हाथ में सत्ता की चाबी सौंपी है। इसका मुखिया कौन होगा ये भाजपा को तय करना है। करीब 4 दिनों से इसी पर मंथन हो रहा है लेकिन सीएम कौन होगा इसका जवाब अभी तक नहीं मिला है। बीती रात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बीच करीब एक घंटे विचार विमर्श हुआ लेकिन रिजल्ट शून्य ही रहा। हालांकि ये बात अलग है कि अंदर ही अंदर पार्टी ने सीएम का नाम तय कर लिया हो। 
सूत्रों की मानें तो अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की इस बैठक में मुख्यमंत्री के नामों पर चर्चा हुई है। इस दौरान दोनों के बीच दिल्ली में सरकार गठन और मुख्यमंत्री के संभावित नामों पर चर्चा हुई। मीटिंग में यह बात तय हुई कि दिल्ली सरकार के गठन पर फैसला 16 फरवरी के बाद होगा। हालांकि, भाजपा के विधायक दलों की बैठक भी 16 फरवरी के बाद ही होगी। सूत्रों का यह भी कहना है कि सीएम कौन होगा, इस पर दोनों के बीच चर्चा हुई है। जिस दिन विधायक दलों की बैठक होगी, उसमें ही सदन का नेता चुना जाएगा। वही दिल्ली का नया मुख्यमंत्री होगा। सीएम की रेस में प्रवेश वर्मा,रेखा गुप्ता, शिखा राय और मोहन सिंह बिष्ट समेत कई नाम हैं। बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अभी फ्रांस और अमेरिका की यात्रा पर हैं। वहां से लौटने के बाद भाजपा के विधायक दल की बैठक होने की संभावना है। दिल्ली चुनाव में भाजपा ने 27 साल से अधिक समय तक सत्ता से बाहर रहने के बाद 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है। लगातार दो बार सरकार में रहने वाली आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर सिमट कर रह गई है।


नड्डा ने सीएम के नाम पर विधायकों का मन टटोला
अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है, जब राजधानी में हलचल बढ़ी हुई है। इससे पहले जेपी नड्डा ने मंगलवार को भाजपा के कई नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि नड्डा ने विधायकों से सीएम के नाम को लेकर मन टटोला था। दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर संशय की स्थिति के बीच हुई इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया गया।