नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें ईडी ने कहा, अगर हमें सबूत मिलते हैं तो पीएमएलए की धारा 70 के तहत मामले में कांग्रेस पार्टी को आरोपी बना सकते हैं. मगर, बिना किसी सबूत के ऐसा नहीं करेंगे. जांच एजेंसी ने कहा कि अभी उन्हें आरोपी नहीं बनाने का मतलब यह नहीं है कि बाद में ऐसा नहीं होगा.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि ईडी की जांच के दायरे में कांग्रेस के आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने जांच में सहयोग नहीं किया है और मोतीलाल वोरा पर जिम्मेदारी डाली है. इस मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ईडी की आगे की दलीलें 3 जुलाई को भी सुनना जारी रखेगी.

एएसजी एसवी राजू की दलीलें

इस मामले में बुधवार को ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने दलीलें दीं. उन्होंने कहा कि यंग इंडियन ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया, जिसकी प्रॉपर्टी 2 हजार करोड़ रुपये है. अधिग्रहण के लिए यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड का गठन हुआ था. एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के डायरेक्टर ने कांग्रेस को एक लेटर में लिखा था कि प्रकाशन बंद होने और रेगुलर इनकम ना होने की वजह से वो लोन चुकाने में सक्षम नहीं है.

उन्होंने दलील देते हुए ये कहा कि यंग इंडियन ने ऐलान किया था कि सोनिया और राहुल गांधी इसके बेनिफिशियल ऑनर थे. सोनिया, राहुल, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा यंग इंडियन में प्रमुख पदों पर थे.2 हजार करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी वाली कंपनी का अधिग्रहण 90 करोड़ रुपये के लोन के लिए हुआ. यह धोखाधड़ी है.

ये आपराधिक साजिश थी

उन्होंने कहा कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण कांग्रेस ने नहीं बल्कि यंग इंडियन ने किया था. यह साजिश थी. कांग्रेस ने ब्याज नहीं लिया और न ही जमानत ली थी. 90 करोड़ रुपये का लोन 50 लाख रुपये में बेचा गया. ये आपराधिक साजिश थी, जिसमें यंग इंडियन को नकली कंपनी बनाया गया था.