दिल्ली से नज़दीक यह जगह है सर्दियों में घूमने के लिए बेस्ट
वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशन के रूप में जिम कॉर्बेट सच में एक एडवेंचरस जगह है। हरियाली से भरपूर पहाड़ियों के बीच घने घास के मैदान, पहाड़ी नदियां और उनके किनारों पर धूप सेंकते सांबरों का झुंड एक अलग ही दुनिया का नजारा पेश करते हैं। साल 1936 में जिम कॉरबेट नेशनल पार्क की स्थापना के बाद से ही उत्तराखंड का यह क्षेत्र वन्य एवं प्रकृति प्रेमियों का पसंदीदा स्थल रहा है। हरे-भरे वृक्षों से भरपूर इन वन्य क्षेत्र के जीव एवं वनस्पतियों की विविधता विस्मयकारी है, लेकिन लगभग 520 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस राष्ट्रीय अभ्यारण्य को जो विशेष बनाता है, वह है रॉयल बंगाल टाइगर। 1318 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला कॉरबेट टाइगर रिजर्व एरिया भारत का पहला टाइगर रिजर्व है, जिसमें बाघों के अलावा सांबर, बार्किंग डियर, हिरण, नीलगाय, एशियाई हाथी, बंदर, जैकल, कोबरा, पाइथन, रसेल्स वाइपर, मगरमच्छ आदि अन्य पशु-पक्षी निवास करते हैं।
कॉर्बेट नेशनल पार्क के अंदर औऱ बाहर कई रिजॉर्ट्स बने हुए हैं, जहां आप सुकून के साथ वीकेंड का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा पार्क के हर ज़ोन में फॉरेस्ट लॉज एवं रहने के लिए लग्ज़री अरेंजमेंट है। यहां आप जंगल सफारी के अलावा रिवर रॉफ्टिंग, एंगलिंग, रॉक क्लाइंबिंग, ब्रिज स्लिदरिंग एवं रैपलिंग कर सकते हैं। जो लोग धार्मिक पर्यटन करना चाहते हैं, वे गर्जिया मंदिर जा सकते हैं। यहां पास ही कॉर्बेट वॉटरफॉल एवं म्यूज़ियम भी है, जहां सैलानी जाना पसंद करते हैं। यहां घूमने का सबसे बेहतरीन समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है, लेकिन गर्मियों में अप्रैल-मई के दौरान भी काफी पर्यटक होते हैं। मानसून में पार्क बंद होता है। सिर्फ ढेला और झिरना ज़ोन साल भर खुले होते हैं। ढंगारी गेट से आप ढिकाला रेंज में प्रवेश करते हैं। यहां घड़ियाल पूल, चैंपियन रोड एवं हाई बैंक से पूरे पार्क का नजारा देख सकते हैं। इसके अलावा, ढिकाला चौर (घास का मैदान) में विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षियों को देखने का अवसर मिलता है। यहां फॉरेस्ट लॉज में रात्रि में ठहरने की व्यवस्था है। इससे अगले दिन हाथी सफारी का आनंद ले सकते हैं।
कब जाएं- कॉर्बेट घूमने का सबसे बेस्ट टाइम नवंबर से फरवरी तक होता है। सर्दियों में यहां के सभी ज़ोन खुले रहते हैं। तब यहां आपको कई तरह के वन्यजीव देखने को मिल सकते हैं। गर्मियों में नदी किनारे या वॉटर बॉडीज़ के किनारे वन्यजीवों के दिखने की संभावना ज्यादा रहती है।
कैसे पहुंचें- कॉर्बेट नेशनल पार्क सड़क एवं रेल मार्ग से देश के कई बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। रामनगर से दिल्ली, मुरादाबाद, हल्द्वानी जैसे शहरों के लिए उत्तराखंड राज्य परिवहन की नियमित बसें हैं। रामनगर शहर से कार्बेट करीब 15 किलोमीटर दूर है। अगर आप अपनी गाड़ी से जा रहे हैं तो रामनगर पहुंचने के लिए दो रूट हैं। दिल्ली से गजरौला-मुरादाबाद-काशीपुर होते हुए पहुंच सकते हैं या फिर बरेली-किच्छा-हल्दवानी के रास्ते रामनगर पहुंचा जा सकता है।