पुलिस की स्पेशल सेल ने कपिल सांगवान उर्फ ​​नंदू गिरोह के एक गुर्गे को गिरफ्तार किया है। जिसकी पहचान हरियाणा के झज्जर निवासी योगेश के रूप में हुई है। जो सूरजभान उर्फ ​​बल्लू की सनसनीखेज हत्या में शामिल था। गिरफ्तारी को अंजाम देने वाली स्पेशल सेल की नई दिल्ली रेंज की टीम का नेतृत्व एसीपी ललित मोहन नेगी और हृदय भूषण की देखरेख में इंस्पेक्टर शिव कुमार और इंस्पेक्टर सतीश राणा ने किया।

योगेश हथियार तस्करी के एक मामले में वांछित

योगेश फरवरी 2024 में स्पेशल सेल,  दिल्ली में दर्ज हथियार तस्करी के एक मामले में भी वांछित था। उस मामले में, मध्य प्रदेश के दो हथियार तस्करों से कुल 12 अर्ध-स्वचालित पिस्तौल बरामद किए गए थे, जिन्हें अपराधियों तक पहुंचाया जाना था। 4 फरवरी को मध्य प्रदेश के रहने वाले अंकित मिश्रा और जितेंद्र राजपूत नाम के दो व्यक्तियों को बारह अर्ध-स्वचालित पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया गया था।

सूरजभान उर्फ ​​बल्लू पहलवान की हत्या की साजिश में शामिल

उनसे पूछताछ के दौरान पता चला कि कुछ पिस्तौलें हरियाणा के झज्जर जिले में रहने वाले योगेश नाम के व्यक्ति को पहुंचाई जानी थीं। इसके बाद योगेश को पकड़ने और उसकी गतिविधियों के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए छापे मारे गए। जानकारी में आया कि योगेश कपिल सांगवान उर्फ ​​नंदू गिरोह से जुड़ा है। योगेश की आपराधिक गतिविधियों की आगे की जांच से जनवरी 2024 में फरीदाबाद में सूरजभान उर्फ ​​बल्लू पहलवान की हत्या की साजिश में उसकी संलिप्तता का पता चला।

कार सवार बदमाशों ने गोली मारकर की हत्या

दिल्ली के नजफगढ़ के दीनपुर गांव का रहने वाला सूरजभान उर्फ ​​बल्लू पहलवान 30 जनवरी की शाम को फरीदाबाद सेक्टर 11 जिम में एक्सरसाइज करने आया था। शाम को जब वह जिम से बाहर आ रहा था तो कार सवार बदमाशों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस संबंध में उसकी पत्नी के बयान पर मामला दर्ज किया गया है। फरवरी के आखिरी हफ्ते में योगेश अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए दुबई भाग गया। वह इस मामले में वांछित था और उसकी एलओसी खोली गई थी।

26 मई को स्पेशल सेल द्वारा जारी लुकआउट सर्कुलर के जवाब में योगेश को दुबई से भारत में दोबारा प्रवेश करते समय मुंबई हवाई अड्डे पर रोक लिया गया था। बाद में उसे आर्म्स एक्ट मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ के दौरान योगेश ने सूरजभान की हत्या में अपनी भूमिका कबूल करते हुए बताया कि उसने और बहादुरगढ़ के देव नगर निवासी प्रवीण ने कपिल सांगवान और उसके साथी मनीष राठी के निर्देश पर अपराध स्थल की टोह ली थी।