नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब आम आदमी पार्टी (आप) का पूरा फोकस पंजाब पर आ गया है। दिल्ली की हार का असर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर ना पड़े इसके लिए पंजाब के सभी विधायकों को दिल्ली बुलाया गया था। यहां पर करीब 30 मिनट तक पार्टी संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने नेताओं को जरुरी टिप्स दिए। 
बैठक के दौरान उन्होंने नेताओं को तीन गुरुमंत्र दिए। उन्होंने विधायकों से कहा कि लोगों से जुड़ो, मुद्दों को पहचानों और डटकर लड़ो। बताया जा रहा हैं कि बैठक के बाद अब पार्टी के वर्किंग स्टाइल में भी बदलाव दिखाई देगा। 
पंजाब में सत्ता में आने से लेकर अभी तक प्रदेश में हुए हर चुनाव में आप नेता दिल्ली मॉडल पर वोट मांग रहे थे। लेकिन अब जब दिल्ली में ही पार्टी सत्ता से बाहर हो गई है, तब दिल्ली मॉडल के नाम पर वोट मांगना असंभव है। पंजाब सरकार और पार्टी के लिए चुनौती होगी कि आने वाले 2 सालों में दिल्ली की जगह पंजाब मॉडल बनाए। ताकि इसी पंजाब मॉडल के सहारे दिल्ली सहित अन्य राज्यों में वे अपनी सरकार बनाने की कोशिश कर सकें। सीनियर पत्रकार के अनुसार दिल्ली चुनाव हारने के बाद पंजाब सरकार के सामने कई चुनौतियां है। एक जिस दिल्ली मॉडल के सहारे सत्ता में आए थे, वह उनके हाथ से निकल गया है। अब उन्हें पंजाब को मॉडल पेश करना होगा।
पंजाब में आप ने सत्ता में आने से पहले 5 गारंटियां दी थीं। इसमें सबसे अहम गारंटी थी 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को हर महीनें एक हजार रुपए देना, लेकिन यह गारंटी अभी तक ठंडे बस्ते में है। इसका खामियाजा पार्टी ने लोकसभा, निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव व दिल्ली चुनाव में भी हुआ है। वहीं, अब पार्टी के लिए गारंटी को पूरा करना मजबूरी बन गई है। हालांकि इसे पूरा करने के संकेत दिल्ली में पार्टी सुप्रीमो केजरीवाल से मीटिंग के बाद वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पांच से चार गारंटियां तीन साल में पूरी कर दी हैं। एक बची गारंटी को भी जल्द पूरा किया जाएगा। 
पंजाब सरकार भले ही कानून व्यवस्था को अन्य प्रदेशों से बढ़िया होने का दावा करती है, लेकिन गैंगस्टर कल्चर, नशा तस्करी और क्राइम पंजाब में बढ़ गया है। नशा भी अभी तक खत्म नहीं हुआ है। जबकि राज्य की सत्ता संभालने के समय पार्टी ने पंजाब को नशा मुक्त करने का वादा किया है। वहीं, अब एक के बाद एक थानों पर हमले हो रहे है। विपक्ष इस चीज पर मान सरकार को घेर रहा है।
राज्य पर बढ़ता कर्ज पंजाब पर वर्तमान में 3.75 लाख करोड़ का कर्ज है। इस वजह से विकास योजनाओं के लिए फंड जुटाना मुश्किल हो रहा है। मुफ्त बिजली, महिलाओं को फ्री बस सर्विस और अन्य विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए भी पैसे की जरूरत है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में 28 हजार करोड़ का कर्ज लेना पड़ा है।