नई दिल्ली। नई दिल्ली से श्रीनगर तक की रेल यात्रा के लिए 22 साल पहले 2500 करोड रुपए का प्रोजेक्ट बनाया गया था। इस प्रोजेक्ट में अभी तक 4100 करोड रुपए खर्च हो चुके हैं। इसके बाद भी श्रीनगर को रेल मार्ग से नहीं जोड़ा जा सका है। 


 41000 करोड़ खर्च करने के बाद भी नहीं जुड़ पाया श्रीनगर

उधमपुर-श्रीनगर बनिहाल रेल लिंक प्रोजेक्ट की आखिरी बाधा तमाम प्रयासों के बाद भी दूर नहीं हो पा रही है। 34 किलोमीटर के कटरा-रियासी रेल मार्ग मैं जो 3.2 किलोमीटर लंबी टनल मे लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। पहाड़ से तेजी से पानी टनल में आ रहा है। 30 इंजीनियर और सैकड़ो मजदूर 7 महीने से पानी के इस रिसाव को बंद करने की कोशिश कर रहे हैं। सारे प्रयासों के बाद भी,अभी तक पानी का रिसाव बंद नहीं हो पा रहा है। 

 33 नंबर की टनल पर लगातार पानी का रिसाव

 डोलोमाइट पहाड़ पर टनल तैयार की गई है। जिसके कारण पहाड़ से लगातार पानी का रिसाव टनल में हो रहा है। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी द्वारा कहा जा रहा है। दिसंबर के पहले इस रिसाव को बंद करके जम्मू श्रीनगर के बीच का रेल सफर शुरू हो जाएगा। सड़क मार्ग से श्रीनगर जाने में जम्मू से अभी 12 घंटे का समय लगता है। रेल शुरू हो जाने के बाद यह सफर 6 घंटे में पूरा हो सकेगा। श्रीनगर जाने वाली ट्रेन चिनाव रेल ब्रिज से होकर गुजरेगी। यह दुनिया का सबसे ऊंचाई वाला रेल ब्रिज होगा। अभी रियासी से बनिहाल तक का ट्रैक बिछा है। मंगलदान से बनिहाल तक की ट्रेन शुरू हो गई है। समुद्र तल से 16000 फीट की ऊंचाई पर चिनाव और झेलम की दुर्गम घाटियों के बीच टनल के जरिए विषम भौगोलिक परिस्थितियों में यह रेल सेवा शुरू होनी है। जब तक पानी का रिसाव बंद नहीं होगा। तब तक श्रीनगर तक रेल चलना संभव नहीं होगा।