पोप फ्रांसिस ने समलैंगिक लोगों के लिए एक आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पोप फ्रांसिस इटैलियन बिशप्स के साथ बंद दरवाजों के पीछे एक बैठक कर रहे थे। इसी बैठक में उन्होंने समलैंगिक लोगों के लिए इटैलियन भाषा का एक आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किया। 

इटली के मीडिया संस्थानों ने किया दावा
इटली के दो शीर्ष मीडिया संस्थानों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि पोप फ्रांसिस ने कहा कि सेमिनरीज या धार्मिक संस्थानों में समलैंगिक लोग भर गए हैं। इस बयान में पोप फ्रांसिस ने समलैंगिकों के लिए इटैलियन भाषा के शब्द का इस्तेमाल किया, जिसे इटैलियन भाषा में बेहद आपत्तिजनक माना जाता है। हालांकि इन आरोपों पर अभी तक वेटिकन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स में अज्ञात बिशप और अज्ञात सूत्रों का हवाला दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है अर्जेंटीना मूल के पोप फ्रांसिस को शायद इटैलियन भाषा के शब्द का अर्थ नहीं पता होगा, तभी उन्होंने अनजाने में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। 

समलैंगिकों के प्रति उदार रहा है पोप फ्रांसिस का रवैया
रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना 20 मई की है, जब पोप फ्रांसिस इटली के बिशप की कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे। 87 वर्षीय पोप फ्रांसिस पर अब समलैंगिकों के लिए आपत्तिजनक शब्द के इस्तेमाल का आरोप लगा है, लेकिन पोप फ्रांसिस को ही रोमन कैथोलिक चर्च में समलैंगिकों के प्रति उदार रवैया रखने के लिए जाना जाता है। साल 2013 में पोप फ्रांसिस ने अपने एक बयान में कहा था कि 'अगर कोई व्यक्ति समलैंगिक है और भगवान की शरण में आना जाता है तो ये भगवान की मर्जी है और मैं इसका फैसला करने वाला कौन होता हूं।' बीते साल ही उन्होंने चर्च के पुजारियों को निर्देश दिया था कि वे समलैंगिक जोड़ों को भी आशीर्वाद दें। हालांकि उनके इस कदम की कुछ कट्टरपंथियों ने आलोचना भी की थी।