दिल्ली में रामलीला के लाउडस्पीकर पर सियासी लीला
नई दिल्ली । दिल्ली में दुर्गा पूजा के दौरान रात 12 बजे तक लाउडस्पीकर का उपयोग करने की अनुमति को लेकर दिल्ली सरकार और दिल्ली बीजेपी में ‘क्रेडिट वॉर’ छिड़ गया है। बीजेपी ने दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ मीटिंग का हवाला देते हुए आम आदमी पार्टी पर जबरन श्रेय लेने का आरोप लगाया है। दिल्ली बीजेपी के नेताओं का कहना है कि लाउडस्पीकर समेत तीन मांगों को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल सबसे पहले उपराज्यपाल से मिला था। दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रामलीला और दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान रात 12 बजे तक लाउडस्पीकर का उपयोग करने की विशेष छूट दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। दिल्ली में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति आमतौर पर रात 10 बजे तक होती है। लव कुश रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल से केजरीवाल के मुलाकात करने के एक दिन बाद ये घोषणा की गई। बस इसी बात पर दिल्ली में सियासी लीला शुरू हो गई। दिल्ली बीजेपी के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा के नेतृत्व में दिल्ली की रामलीला कमेटियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 31 अगस्त को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात की थी। जिसमें लवकुश रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार भी थे। उसी मीटिंग में उपराज्यपाल ने तीन मांगें स्वीकार की थी। तीन मांगों में पहली लाउडस्पीकर के साथ रात 12 बजे तक रामलीला का मंचन करने की अनुमति देना था जबकि दूसरा रामलीलाओं को बाजार के लिए अधिक जगह उपयोग करने की अनुमति देना था। तीसरा रामलीलाओं की ग्राउंड फीस कम करना था। ये तीनों ही मांगे राज्यपाल ने उसी दिन मान ली थी। फिर लवकुश रामलीला कमेटी का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने गया। उसके बाद ये जानकारी दी गई की केजरीवाल ने रामलीलाओं को लाउडस्पीकर के साथ12 बजे तक चलाने की अनुमति दी है। दिल्ली बीजेपी प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर का विषय वैसे भी एलजी के अधिकार क्षेत्र में है, जब राज्यपाल ने 31 अगस्त ही इस मांग पर अपनी सहमति जता दी थी तो फिर दोबारा से अरविंद केजरीवाल जबरन इस बात का श्रेय क्यों लेना चाहते हैं? धार्मिक विषयों पर इस तरह की सियासत ठीक नहीं है। अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को इस तरह की सियासत से बचना चाहिए।