अब दिल्ली से तय होंगे भाजपा जिला अध्यक्ष
भोपाल। भाजपा संगठन चुनाव को लेकर अब जिला अध्यक्षों को चुने जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार भाजपा के जिला अध्यक्षों के नाम सांसद-विधायकों की तरह दिल्ली से ही तय होंगे। प्रदेश नेतृत्व से भेजे जाने वाले तीन नामों में से अंतिम अंतिम मुहर दिल्ली से ही लगाई जाएगी। जिला अध्यक्ष को लेकर चयन समिति बंद लिफाफे में प्रदेश नेतृत्व को नामों का सुझाव देगी। सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय संगठन मप्र मनमानी रोकने की दिशा में यह कार्य कर रहा है। अभी तक क्षेत्रीय क्षत्रप अपने हिसाब से जिला अध्यक्षों का चयन करते थे।
गौरतलब है कि वर्तमान में भाजपा में संगठन चुनाव हो रहे हैं। मंडल अध्यक्षों के चुनाव के बाद अब जिलाध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। संगठन चुनाव के तहत भाजपा जिलाध्यक्षों का चयन ठीक उसी तरह करेगी, जैसे लोकसभा और विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी चुने जाते हैं। तय किया गया है कि जिस तरह के मापदंड चुनावी प्रत्याशी के लिए निर्धारित हैं, वही आधार जिलाध्यक्षों के चयन का भी रखा जाएगा। इसके लिए पांच लोगों का पैनल केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व दावेदारों का आकलन कर उनमें से किसी एक का नाम घोषित करेगा। पार्टी में पहली बार यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है, वरना प्रदेश स्तर से ही जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी जाती थी।
सक्रिय कार्यकर्ताओं को मिलेगा मौका
जिलाध्यक्ष के चयन में पार्टी उन संगठन क्षमता वाले कार्यकर्ताओं को आगे लाना चाहती है, जो लंबे समय से संगठन का कार्य कर रहे हैं। खासतौर से जिन कार्यकर्ताओं का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि रही है, ऐसे कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें कुछ ऐसे कार्यकर्ता भी समायोजित किए जा सकते हैं, जिन्हें लोकसभा या विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित किया गया था और आगे उन्हें उपकृत करने का आश्वासन दिया गया था। ऐसे नेताओं के नाम भी जिलाध्यक्ष के लिए संगठन के पैनल में भेजने की बात नेतृत्व ने कही है। जिलाध्यक्ष के लिए तीन-तीन नामों का पैनल तैयार कर बंद लिफाफे में प्रदेश नेतृत्व को भेजा जाएगा। 24 दिसंबर से 28 दिसंबर तक जिलाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और पैनल दिल्ली भेज दिए जाएंगे। पैनल तैयार करने से पहले जनप्रतिनिधियों से रायशुमारी की जाएगी। पर्यवेक्षक और जिला चुनाव अधिकारी एक साथ बैठकर इन पार्टी पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों से एक फार्मेट में तीन-तीन नाम लेंगे। तीन नाम के अतिरिक्त महिला, अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग से एक-एक नाम लिए जाएंगे। तय फार्मेट में इन नामों को भरकर जनप्रतिनिधियों के हस्ताक्षर कराकर लिफाफा बंद कर प्रदेश भाजपा कार्यालय भेजा जाएगा। इन नामों के आधार पर प्रदेश नेतृत्व प्रदेश कार्यालय में चयनित तीन नामों का पैनल बनाकर दिल्ली भेजेगा।