भारत को वैश्विक निवेश के लिए आकर्षक बनाना सरकार की प्राथमिकता: सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार नियामकीय बोझ को कम करने के साथ राज-काज के स्तर पर भरोसा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और भारत को निर्यात अनुकूल अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कदम उठा रही है। सीतारमण ने ‘वृद्धि के इंजन के रूप में एमएसएमई, विनिर्माण, निर्यात, नियामकीय, निवेश और कारोबार सुगमता के लिए सुधार’ विषय पर बजट के बाद वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि अनावश्यक नियामकीय बाधाओं से मुक्त एक मजबूत विनिर्माण क्षेत्र घरेलू और विदेशी दोनों निवेश को आकर्षित करेगा, आर्थिक वृद्धि को गति देगा और भारत को एक भरोसेमंद वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा। सीतारमण ने कहा, ‘‘हमारी सरकार कारोबार सुगमता में सुधार के लिए नियामकीय बोझ को कम करने और राज-काज में भरोसा बढ़ाने के लिए दृढ़ है।
भारत की ओर देख रही दुनिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेबिनार को संबोधित करते हुए भारतीय उद्योग से वैश्विक अवसरों का लाभ उठाने के लिए ‘बड़े कदम’ उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि दुनिया भारत को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देख रही है, जो गुणवत्तापूर्ण सामान का उत्पादन कर सकता है। मोदी ने उद्योग जगत से कहा, “हमारा देश ये करने में सक्षम है, आप सभी सक्षम हैं, ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है। मैं चाहता हूं कि हमारा उद्योग जगत दुनिया की इन अपेक्षाओं को सिर्फ दर्शक बनकर न देखे। हम दर्शक बनकर नहीं रह सकते, आपको इसमें अपनी भूमिका तलाशनी होगी, आपको अपने लिए अवसर तलाशने होंगे।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार पिछले 10 वर्षों से उद्योग जगत के साथ मिलकर काम कर रही है और उसने सुधारों, वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और समावेशी विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि का इंजन है। भारत ने कठिन समय में भी अपनी मजबूती को साबित किया है।
निर्यात-अनुकूल अर्थव्यवस्था बनाने पर जोर
बजट घोषणाओं के माध्यम से, हम भारत को एक निर्बाध, निर्यात-अनुकूल अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में विभिन्न कदम उठा रहे हैं, जिसमें कंपनियां कागजी कार्रवाई और दंड के बजाय नवोन्मेष और विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र होंगी।’’ इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय उद्योग जगत से ऐसे समय में वैश्विक अवसरों का लाभ लेने के लिए ‘बड़े कदम’ उठाने का आह्वान किया, जब दुनिया भारत को एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में देख रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि हमारा उद्योग जगत दुनिया की इन अपेक्षाओं को सिर्फ दर्शक बनकर न देखे। हम दर्शक बनकर नहीं रह सकते, आपको इसमें अपनी भूमिका तलाशनी होगी, आपको अपने लिए अवसर तलाशने होंगे।”