भोपाल । बारिश के मौसम में कंजंक्टिवाइटिस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। इसके मरीजों की संख्या एक सप्ताह से अचानक बढऩे लगी है। हमीदिया और जेपी अस्पताल ओपीडी के नेत्र विभाग में करीब 40 प्रतिशत मरीज कंजंक्टिवाइटिस के आ रहे हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि ओपीडी में रोजाना करीब 300 से 350 मरीज नेत्ररोग का इलाज करवाने के लिए आते हैं। इनमें से 80 से 100 मरीज कंजंक्टिवाइटिस के आ रहे हैं। इसकी चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग आ रहे हैं।
इसमें आंख लाल होना, पलकों में सूजन आना, आंखे खुलने में परेशानी, धुंधला दिखना आदि समस्या होने लगती है। विशेषज्ञों के अनुसार, कंजंक्टिवाइटिस कुछ मामलों में बेहद संक्रामक हो सकता है और पहले से ही संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।
ेविशेषज्ञों के मुताबिक बीमारी फैलने का सबसे बड़ा कारण जब संक्रमित लोग बार-बार अपनी आंखों को छूते हैं और अपने हाथों को साफ करना भूल जाते हैं। किसी व्यक्ति को यदि कंजंक्टिवाइटिस हो तो उसकी आंखों में न देखें और न ही उसका रुमाल, तौलिया आदि का उपयोग ना करें। यदि हम सावधानी रखेंगे तो इससे बचाव कर सकते हैं। आंखों के सफेद भाग का लाल होने के अलावा भी ज्यादा आंसू आना, आंखों को रगडऩे की तीव्र इच्छा, खुजली या जलन होना, आंखों से चिपचिपे पदार्थ (मवाद) का रिसाव, पलकों में पपड़ी का जमाव होना आदि इसके लक्षण हो सकते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि कंजंक्टिवाइटिस के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। लोगों को इससे बचाव के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। कई लोग बिना विशेषज्ञों की सलाह से आई ड्राप का उपयोग करते हैं, जो नहीं करना चाहिए। हमेशा विशेषज्ञों से इलाज करवाएं, ताकि आंखों की किस लेयर पर है, यह पता कर बेहतर इलाज दे सके।