छत्तीसगढ़ : एफएमजीई की परीक्षा पास कर बीजापुर की तीन बेटियां बनीं डॉक्टर...
छत्तीसगढ़ : बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित इलाके ताकीलोड, भोपालपट्टनम और तोयनार के साधारण परिवार की तीन बालिकाओं ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम को क्रैक कर भारत में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए क्वालीफाई किया है।
बीजापुर के भैरमगढ़ तहसील के ताकीलोड गांव की डॉ. प्रीति भवानी पिता स्व. मुन्नाराम भवानी किर्गिस्तान से चिकित्सा की पढ़ाई करके लौटी थीं। यहां मेडिकल प्रैक्टिस के लिए उन्हें मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम को पास करना अनिवार्य था। प्रीति भवानी ने पहले प्रयास में ही फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम को क्रैक कर लिया।
वहीं बीजापुर से 25 किमी. दूर तोयनार निवासी तिरुपति कटला की बेटी डॉ. सृष्टि कटला ने भी किर्गिस्तान से एमबीबीएस की डिग्री ली थी और एमसीआई हैदराबाद में फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम को क्रैक किया। अब डॉ. सृष्टि कटला भारत में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए योग्य हो गई हैं। उधर, भोपालपट्टनम निवासी मिरंजा खान की दूसरी बेटी पुत्री डॉ. आशिफा खान की प्राथमिक शिक्षा शिशु मंदिर मददेड में हुई थी। तीन बहनों और एक भाई में दूसरे नंबर की आशिफा बचपन से ही पढ़ाई में तेज थीं।
उन्होंने हार्बिन मेडिकल यूनिवर्सिटी चीन से एमबीबीएस और एमसीआई दिल्ली से फॉरेन ग्रेजुएट एग्जाम पास किया हैं। तीनों युवतियों के द्वारा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के फॉरेन ग्रेजुएट एग्जाम पास करने के बाद जहां एक ओर परिजनों सहित ग्रामीणों में खासा उत्साह हैं। वहीं स्थानीय विधायक विक्रम मंडावी ने उन्हें बधाई दी हैं। विधायक मंडावी ने उन्हें बीजापुर का गौरव बताते हुए कहा कि निश्चय ही इससे आगे की पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।