नई दिल्ली । दिल्ली सरकार शहर में पांच जगहों पर ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर खोलने जा रही है। ये सेंटर नॉर्थ, नॉर्थवेस्ट, वेस्ट, साउथ और साउथ-ईस्ट दिल्ली में खुलेंगे। इससे कमर्शियल गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट ऑटोमेटेड तरीके से हो सकेगा। अभी सिर्फ झुलझुली में एक ही ऑटोमेटेड सेंटर है। इससे सड़क हादसों में कमी आने की उम्मीद है। बुराड़ी में मैन्युअल टेस्टिंग होती है। नए सेंटर खुलने से लाइट और हैवी कमर्शियल गाड़ियों को फायदा होगा। अब इन गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट ऑटोमेटेड सेंटर पर ही कराना जरूरी कर दिया गया है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने इन सेंटर्स को चलाने के लिए ऑपरेटर से एप्लीकेशन मांगे हैं। कोई भी व्यक्ति, कंपनी या संस्था इसके लिए आवेदन कर सकती है। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि ऑटोमेटेड सेंटर से फिटनेस सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए सिस्टम में हेरफेर की आशंका कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए यह एक अहम कदम है क्योंकि सड़कों पर चलने वाले अनफिट वाहन हादसों का एक बड़ा कारण हैं। ज्यादा सख्त और पारदर्शी फिटनेस टेस्टिंग प्रक्रिया लागू करके सरकार सड़कों पर अनफिट वाहनों की संख्या कम करना चाहती है। हाल के दिनों में भारत में अनफिट कमर्शियल वाहनों से होने वाले हादसों में बढ़ोतरी हुई है और वित्तीय वर्ष 2022-23 में हुए 1.9 लाख सड़क हादसों में से लगभग 40% ऐसे वाहनों की वजह से हुए हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि चयनित आवेदक अनुबंध अवधि के दौरान केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के अनुसार वाहन फिटनेस परीक्षण करने की निर्दिष्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए नागरिक से वाहन निरीक्षण शुल्क वसूल करेगा, एकत्र करेगा और विनियोजित करेगा। अधिकारी ने आगाह किया कि विभाग को गलत सूचना देने या भारत सरकार और समय-समय पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित नीति, नियमों, दिशानिर्देशों में निर्देशों का पालन न करने का कोई भी प्रयास समाप्ति और अनुबंध या लाइसेंस को रद्द करने का आधार हो सकता है। किसी भी एकल आवेदक को अधिकतम दो ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन क्षेत्रों से सम्मानित किया जा सकता है।