नई दिल्ली: दिल्ली में झुग्गी बस्तियों को तोड़े जाने के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच राजनीतिक तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। AAP ने जंतर-मंतर पर जोरदार प्रदर्शन किया, जहां उनके नेताओं ने BJP सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मुद्दे पर दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी की राजनीति में एक नया उबाल आ गया है।

गोपाल राय का आक्रामक बयान और BJP की कड़ी प्रतिक्रिया

प्रदर्शन के दौरान AAP के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने एक अत्यंत आक्रामक बयान देते हुए कहा कि यदि गरीबों की झुग्गियां तोड़ी गईं तो वे प्रधानमंत्री को उनके आवास से बाहर निकालने को तैयार हैं। राय के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

गोपाल राय के बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए, दिल्ली BJP अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उनकी कड़ी आलोचना की। सचदेवा ने राय के बयान को "नक्सली मानसिकता" का प्रतीक बताया और कहा कि यह एक जिम्मेदार राजनीतिक दल के नेता को शोभा नहीं देता। उन्होंने AAP पर दिल्ली के गरीबों को गुमराह करने और राजनीतिक लाभ के लिए अशांति फैलाने का आरोप लगाया।

संजय सिंह ने केजरीवाल की भविष्यवाणी का किया जिक्र

AAP सांसद संजय सिंह ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल की भविष्यवाणी सच साबित हो रही है, जिसमें उन्होंने पहले ही कहा था कि गरीबों को उजाड़ा जाएगा। सिंह ने आरोप लगाया कि BJP सरकार योजनाबद्ध तरीके से झुग्गीवासियों को बेघर कर रही है, जिससे लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है।

लाखों झुग्गीवासियों का भविष्य दांव पर

यह मुद्दा दिल्ली की राजनीति में एक प्रमुख मुद्दा बन गया है क्योंकि इसका सीधा असर दिल्ली में रहने वाले लगभग 40-50 लाख झुग्गीवासियों के जीवन पर पड़ रहा है। ये लोग दशकों से दिल्ली में रह रहे हैं और उनके लिए ये झुग्गियां ही उनका एकमात्र आश्रय हैं। इन बस्तियों के विध्वंस से उनके सामने बेघर होने का संकट खड़ा हो गया है।

AAP का आरोप है कि केंद्र सरकार और BJP शासित एजेंसियां बिना किसी उचित पुनर्वास योजना के इन झुग्गियों को ध्वस्त कर रही हैं, जिससे मानवीय संकट पैदा हो रहा है। वहीं, BJP का तर्क है कि ये अतिक्रमण हैं और इन्हें हटाने का कार्य कानूनी प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है।

आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक घमासान और तेज होने की संभावना है, क्योंकि AAP इस मुद्दे को दिल्ली के आगामी चुनावों में एक बड़े हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश करेगी। वहीं, BJP के लिए भी इन आरोपों का जवाब देना और झुग्गीवासियों के बीच अपनी स्थिति स्पष्ट करना एक चुनौती होगी।