आप नेताओं की दो टूक, पंजाब में मान ही सीएम
नई दिल्ली । दिल्ली के कपूरथला हाउस में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपनी कैबिनेट, विधायकों और सांसदों के साथ आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। बैठक में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल हुए। बैठक का मकसद पंजाब में सरकार के कार्यों की समीक्षा और आगामी चुनावों की रणनीति तैयार करना था। बैठक के बाद सीएम मान ने बताया कि पंजाब सरकार जनता के हित में लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा, पंजाब में हमारी सरकार ने बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रों में अभूतपूर्व काम किए हैं। हमें इन प्रयासों को और तेज करने वाले है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने 10 सालों में जितना विकास किया, उतना पिछले 75 वर्षों में किसी सरकार के कार्यकाल में नहीं हुआ। हम पंजाब को एक मॉडल राज्य बनाएंगे, इस मॉडल को पूरा देश देखेगा। मान ने कहा कि बड़ी कंपनियां पंजाब में निवेश कर रही हैं, इसमें ग्रासिम और टाटा स्टील जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं।
वहीं कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि आप के 30 विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं। इस पर मान ने पलटवार कर कहा, बाजवा बीते तीन साल से यही दावा कर रहे हैं। उन्हें आप विधायकों की बजाय कांग्रेस के विधायकों की संख्या गिननी चाहिए। उनपर नजर रखनी चाहिए।
वहीं, भाजपा नेता तरुण चुघ और नए विधायक मजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि केजरीवाल मान को मुख्यमंत्री पद से हटाने की योजना बना रहे हैं। इस पर आप नेता गुरमीत सिंह मीत और अमन अरोड़ा ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि आप पूरी तरह से एकजुट है और पंजाब में मान ही मुख्यमंत्री हैं।
बैठक के दिल्ली में होने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि पंजाब सरकार को मान नहीं, बल्कि दिल्ली से केजरीवाल चला रहे हैं। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिल्ली में हार के बाद केजरीवाल को खुद पंजाब जाकर विधायकों से मिलना चाहिए था।
वहीं आप की पंजाब इकाई अब 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुअ गई है। पार्टी का मानना है कि दिल्ली के अनुभव का लाभ उठाकर पंजाब को नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकते है। हालांकि, विपक्षी दलों ने सरकार की विफलताओं को उजागर कर मान सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है।