नई दिल्ली। दिल्ली पलुिस स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन और स्ट्रैटेजिक आपरेशन (आइएफएसओ) यूनिट ने स्नातक प्रबंधन प्रवेश परीक्षा (जीमैट) समेत कई अन्य महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाओं को आनलाइन साफ्टवेयर की मदद से हैक करने वाले गिरोह का राजफाश करते हुए छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित हरियाणा के पलवल निवासी राज तेवतिया, करनाल निवासी मोहित शर्मा, मुंबई निवासी अरशद धुना, सलमान धुना, हेमल शाह, दिल्ली के पीतमपुरा निवासी कुणाल गोयल हैं। गिरोह का सरगना राज तेवतिया की तलाश हरियाणा पुलिस और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को भी थी। इसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित था। यह रशियन हैकर के भी संपर्क में था। इन्हीं हैकरों ने हैकिंग के साफ्टवेयर और उपकरण मुहैया कराए थे। जांच में यह भी पता चला है कि राज तेवतिया वर्ष 2018 में दो हैकरों से मिलने रूस भी गया था। वापसी में एक हैकर इसके साथ भारत आया था और लाकडाउन लगने से वह इसी के घर पर रहा भी था। आरोपितों से 15 लैपटाप और नौ मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा के मुताबिक, जीमैट में गड़बड़ी के बारे में साइबर सेल को सूचना मिली थी। उन्होंने छानबीन शुरू की तो पता चला कि हैकिंग के जरिये गड़बड़ी की जा रही थी। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पता चला कि रिमोट एक्सेस के माध्यम से परीक्षा में फर्जीवाड़ा करते थे। यह साफ्टवेयर किसी भी सुरक्षा मानकों द्वारा पकड़ा नहीं जा सकता था। आनलाइन परीक्षा सिस्टम का रिमोट एक्सेस लेने के लिए जिस उपकरण का इस्तेमाल किया गया, वह एक नामी आइटी कंपनी ने बनाया है। कंपनी मालिकों के साथ मिलकर आरोपितों ने साफ्टवेयर को सिस्टम में डाउनलोड कर दिया था। आरोपित 500 से अधिक उम्मीदवारों का चयन करवा चुके हैं।साइबर सेल के एक हवलदार ने सबसे पहले ग्राहक बनकर आरोपितों से संपर्क किया और आरोपितों ने जीमैट में उसे 97 प्रतिशत अंक दिलवा दिया। इस परीक्षा में साइबर सेल के ऐसे 18 छात्र पास हुए जिन्होंने इस गिरोह से संपर्क किया था। जांच में पता चला कि गिरोह जीमैट के अलावा जेईई, भारतीय सेना, नेवी एसएससी आदि के आनलाइन परीक्षाओं को भी हैक करते थे।

गिरोह का एक माड्यूल मुंबई का था। इसका काम परीक्षा में अच्छे अंक की चाहत रखने वालों को तलाशना था। इस माड्यूल के तीन लोग अरशद धुना, सलमान धुना, हेमल शाह को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया। दूसरा माड्यूल परीक्षा साल्व करने वालों का था। इस माड्यूल से कुणाल गोयल और मोहित शर्मा को पकड़ा गया। दोनों तिलक नगर इलाके में कंप्यूटर नेटवर्किग संस्थान चलाते थे। तीसरा माड्यूल हैकर राज तेवतिया का था, जो अवैध रूप से परीक्षाओं के लिए एक्सेस दिलवाता था।

अधिकारी के मुताबिक आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि वह अलग-अलग परीक्षाओं के लिए 10 से 15 लाख रुपये लेते थे। साइबर सेल के हवलदार मनप्रीत को जीमैट में अच्छे अंक लाने के आरोपितों ने तीन लाख रुपये लिए थे। आरोपित केवल टेलीग्राम और वाट्सएप पर ही बात करते थे।